success story usha devi

सफलता की कहानी

 

कहानी का विषय/शीर्षक – सब्जी एवं मशरूम उत्पादन शुद्ध आय का एक विकल्प
1. किसान का नाम – श्रीमती उषा देवी
2. पिता/पति का नाम – श्री ब्रम्हदेव मंडल
3. पूरा पता – गाँव/मुहल्ला – शैर पो0 – हथिया थाना – झाझा प्रखंड – झाझा जिला -जमुई (बिहार) पिन कोड – 811308
4. किसान का दूरभाष/मोबाइल सं0- 9572702342
5. किसान के पास खेती योग्य भूमि (हे0 में)- 01 हे0
6. सिंचित क्षेत्र (हे0 में)- 01 हे0
7 असिंचित क्षेत्र (हे0 में)- —-
8. किसान का प्रकार- लघु कृषक, लक्ष्मी स्वंय सहायता समूह, शैर, हथिया, झाझा, जमुई
9. समूह का नाम – लक्ष्मी स्वंय सहायता समूह, शैर, हथिया, झाझा, जमुई

10. सफलता की कहानी के पूर्व का संक्षिप्त विवरण – (स्वयं अथवा समूह/संगठन के संबंध में जानकारी, पूर्व के क्षेत्र/कार्य एवं आर्थिक स्थिति का विवरण)
                श्रीमति उषा देवी, पति- श्री ब्रम्हदेव मंडल, ग्राम- शैर, पंचायत- हथिया, प्रखंड- झाझा, जिला जमुई का स्थानीय निवासी हैं। इनके दो पुत्र एवं दो पुत्री हैं, जो वर्तमान में पढाई कर रहे हैं। बड़ी पुत्री सोनम कुमारी जो स्नातक में पढ रही है और छोटी पुत्री स्वेता कुमारी जो इण्टर में पढती है। बड़ा पुत्र इन्द्रजीत कुमार जो नौवीं कक्षा में है वहीं सबसे छोटा पुत्र विशाल कुमार सातवीं कक्षा में पढ रहा है। इनके पति बेरोजगार थे जिस कारण परिवार का पालन-पोषण करने में उनको कठिनाई होती थी, कोई मार्ग नही दिख रहा था। उस समय उनकी स्थिति दयनीय थी। इनके ससुर जी का स्वास्थ्य खराब रहता था इनके ससुर के पास 1 हे0 खेती योग्य भूमी थी पर स्थिती खराब रहने के कारण वह खेती भी करने के लिए महाजन से पैसे कर्ज पर लेकर परंपरागत तरीके से धान, गेहूँ, थोडी बहुत सब्जी की खेती किया करते थे जिससें वह अपने परिवार की गुजारा किया करते थे। फसल बेचने के बाद उनसे जो आय प्राप्त होता था वह काफी कम था जिससे वह महाजन का कर्ज पूरा अदा नहीं कर पाते थे।

11. सफलता की कहानी –

                   एक बार इनके गॉव में आत्मा जमुई के द्वारा प्रशिक्षण का आयोजन किया गया, जिसमें प्रतिभागी के रूप में श्रीमति उषा देवी ने भी भाग लिया। प्रशिक्षण में कृषि विभाग एवं आत्मा द्वारा चलाये जा रहे योजनाओं जैसे कृषक गोष्ठी, कृषक हितकारी समूूह का निर्माण, महिला खाद सुरक्षा समूह एवं स्वंय सहायता समूह, किसान पाठशाला ,प्रशिक्षण एवं परिभ्रमण का आयोजन तथा आधुनिक तरीको से सब्जी की खेती मशरूम की खेती धान, मक्का, गेहूॅ इत्यादि की खेती की बात बताई गई। तभी श्रीमती उषा जी ने आत्मा कर्मी से इच्छा व्यक्त की गई कि मैं भी यहॉ एक समूह का निर्माण करूॅगी। तब उन्होने गॉव की कुछ महिलाओं को इकटठा कर आत्मा, जमुई से सम्बद्ध एक समूह का निर्माण किया जिसका नाम लक्ष्मी स्वंय सहायता समूह रखा गया। उषा जी को सब्जी तथा मशरूम की खेती करने की इच्छा थी। जिसके लिए उन्होने आत्मा जमुई के सहयोग से वर्ष-2016 में राजगीर नालंन्दा में मशरूम उत्पादन का प्रशिक्षण प्राप्त किया। इन्हें चंडी, नालंन्दा में परिभ्रमण भी कराया गया ताकि वे मशरूम की खेती करने का हुनर अच्छी तरह से सीख सके। इसके पश्चात इन्होने 900 वर्ग फीट की कमरे में मशरूम की खेती करना शुरू कर दिया साथ ही साथ वे सब्जी की खेती भी थोडी बहुत किया करती थी। आत्मा कर्मी के द्वारा इन्हें सब्जी में ब्रोकली , चाईनीज पत्ता गोभी, गाठ गोभी, सीम, शिमला मिर्च, बैंगन, करेला, बरवटी, टमाटर, लतेदार सब्जियों एवं विदेशी सब्जियों की खेती करने की सलाह दी गई।
                  सहायक तकनीकी प्रबंधक के दिशा निर्देश एवं प्रोत्साहन पाकर अपने समूह की महिलाओं के साथ बैठक कर मशरूम उत्पादन एवं सब्जी उत्पादन करने का निर्णय लिया। समूह की सभी महिलाओं द्वारा श्रीमती उषा देवी की देख-रेख में मशरूम एवं सब्जियों का उत्पादन किया जाने लगा। आस पास के क्षेत्रों में इनके समूह के द्वारा उत्पादित मशरूम एवं विदेशी सब्जियों के उत्पादन की जानकारी हुई तो इन्हें आसानी से स्थानीय स्तर पर बाजार भी उपलब्ध हो गया जहां अच्छे दामों पर इनके उत्पादन बिकने लगे। श्रीमती उषा देवी की खेती से प्रेरित होकर इनके गांव की कई अन्य महिलाएं भी विदेशी सब्जी का उत्पादन करना शुरू कर दी। अब इनके गांव की स्थिति इस प्रकार हो गयी है कि प्रतिदिन सब्जी खरीदने के लिए अढातिया (खरीददार) की बड़ी-बड़ी गाड़ियां पहंुच कर सब्जियां को ले जा रहे हैं।
                  इनके द्वारा पॉली हाउस का निर्माण कर सूक्ष्म सिंचाई पद्धति से सालों भर सब्जियों का उत्पादन किया जा रहा है। इनके द्वारा पशुपालन, बकरीपालन, मल्चिंग द्वारा सब्जी खेती के अलावे हाईब्रिड किस्म के धान व गेहूँ की भी खेती अपने व बंटाई के खेतों पर की जा रही है। इस प्रकार इनके द्वारा लाखों में कमाई की जा रही है।
                     इनसे प्रेरित होकर इनके गांव की लगभग 200 से भी अधिक महिलाएं आज सब्जियों का उत्पादन कर स्वाबलम्बी बन चुकी हैं। इनका गांव अब एक प्रकार से सब्जियों का हब बन गया है।
                    उषा देवी अपनी सफलता का श्रेय अपने परिवार के सदस्यों एवं समूह की महिलाओं का मेहनत के अलावे हेतु आत्मा के प्रखंड तकनीकी प्रबंधक, सहायक तकनीकी प्रबंधक एवं प्रखंड कृषि पदाधिकारी द्वारा दी गई तकनीकी सहायकता को देती है एवं उनके प्रति अपना आभार प्रकट करती हैं।