सफलता की कहानी – नवल मंडल

सफलता की कहानी-कृषक की जुबानी

 

         मैं नवल मंडल, पिता- श्री पिरो मंडल, ग्राम- लकरा, पंचायत- लखैय, प्रखंड- बरहट, जिला- जमुई का निवासी हूँ। मेरी उम्र 52 वर्ष है, मैंने इंटर तक पढ़ाई किया है। मैंने बहुत सारी सरकारी नौकरियों के लिये अपलाई किया, लेकिन मुझे असफलता और निराशा ही मिला, तब मुझे लगा क्यों ना खेती/कृषि कार्य मे ही हाथ बंटाया जाए।

         कुछ वर्ष पूर्व मैं आत्मा से जुड़ा तथा समूह का निर्माण हेतु प्रखंड से प्रखंड तकनीकी प्रबंधक बरहट एवं सहायक तकनीकी प्रबंधक बरहट, जमुई से जानकारी प्राप्त किया। उसके बाद मेरे द्वारा एक अन्नदाता किसान समूह का निर्माण किया गया, तथा आत्मा द्वारा आयोजित किये गये परिभ्रमण एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लिया। जिससे मुझे खेती की नई-नई तकनीकी जानकारी प्राप्त हुई। आत्मा, जमुई द्वारा मेरे यहाँ किसान पाठशाला का आयोजन किया गया। जिसमे मुझे आत्मा द्वारा विभिन्न प्रजाति के सब्जी के बीज जैसे- कदू, खीरा, टमाटर, बैंगन, करैली, ब्रोक्ली, चेरी टमाटर, लाल मुली, चाईनीज पत्ता गोभी आदि का बीज उपलब्ध कराया गया। जिसमे मुझे शिमलामिर्च और कुछ अन्य फसलों से अच्छी आमदनी प्राप्त हुई।

        अब मैने वैज्ञानिक तरीके से भी सब्जी की खेती प्रारंभ किया जिसमें तकनीकी जानकारी एवं परामर्श देने के लिये समय-समय पर प्रखंड तकनीकी प्रबंधक एवं सहायक तकनीकी प्रबंधक अक्सर हमारे बीच आते रहते हैं। मैं कभी-कभी किसान कॉल सेंटर न0 18001801551 से भी तकनीकी जानकारी प्राप्त किया करता हूँ। मेरे अपने एवं समूह के द्वारा उत्पादित सब्जी को जमुई सब्जी मंडी में बेच आता हूँ इसके साथ ही लोकल स्तर के बाजारों में भी बेचता हँू।

        आज मैं सब्जी की खेती से लगभग 2.5 से 3 लाख रूपये प्रति वर्ष शुद्ध आय कमा रहा हूँ। इस राशि से मैं एक बेटा एक बेटी को पढ़ा रहा हँू। और दो बेटीयों की शादी भी करवा चुका हँू। खेती की नई तकनीकी को अपनाकर मैं और मेरा परिवार आज एक खुशहाल जीवन व्यतीत कर रहे हैं।

        आत्मा, जमुई द्वारा उपलब्द्ध कराये गये आधुनिक तकनीक के माध्यम से कृषि कार्य में कार्यरत हूँ। आज भी आधुनिक तरीके से मैं सब्जी की खेती कर सब्जी उत्पादन कर रहा हूँ। मैं आत्मा, जमुई का तहे दिल से धन्यवाद करता हूँ।